संघ और संतों द्वारा चलाए जा रहे सेवा कार्यों पर चर्चा

जयपुर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने राजस्थान प्रवास के दौरान शनिवार को संतों से भेंट कर, उनके द्वारा हिन्दू समाज के लिए चलाए जा रहे सेवाकार्यों के बारे में चर्चा की. संतों से संवाद के दौरान उन्होंने समाज के पीड़ित, वंचित और निर्धन व्यक्ति की सेवा पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि समाज में अभावग्रस्त बंधुओं के लिए सेवा कार्य अधिक कैसे बढ़ें, इस दिशा में हमें प्रयास करने होंगे. उन्होंने संतों द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न सेवा कार्यों हेतु उनके प्रयास की सराहना की.

संतों से मुलाकात……..
शनिवार सुबह 08 बजे से ही सरसंघचालक जी ने भारती भवन पर अलवर जिले के रामगढ़ में ओढ़ समाज के मध्य संस्कार व शिक्षा का प्रसार करने वाले संत बालकदास जी महाराज से भेंट की.
प्रातः 09 बजे अन्नक्षेत्र व चिकित्सा सेवा के लिए प्रसिद्ध सेवाकार्य चलाने वाले, सिंधी भाषी समाज के प्रेमप्रकाश आश्रम, अमरापुर स्थान के महंत पूज्य संत भगतप्रकाश जी महाराज व संत मंडली से भेंट की. जिसमें संतों से परिचय एवं बातचीत हुई. मुलाकात से पहले उन्होंने आश्रम में मंदिर व संत टेऊराम महाराज एवं संत सर्वानंद जी महाराज की समाधि के दर्शन भी किए.
सरसंघचालक जी के साथ क्षेत्र प्रचारक दुर्गादास जी, प्रांत संघचालक डॉ. रमेशचन्द्र जी, क्षेत्र संपर्क प्रमुख व प्रांत प्रचारक भी उपस्थित थे. सरसंघचालक जी लगभग 40 मिनट तक अमरापुर आश्रम में रहे, जहां सिंधी समाज के प्रमुख लोग उपस्थित थे. अमरापुर के मूल स्थान ‘सिंध’ पर भी चर्चा हुई.
इसी प्रकार सद्संस्कारी जीवन का संदेश देने वाले सलेमाबाद के संत निम्बार्क संप्रदाय के अखिल भारतीय पीठाधीश्वर पूज्य श्रीजी महाराज और सांगलिया पीठ के युवा संत पूज्य ओमदास जी, जो छात्रावास, गौशालाएं औषधालय और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों का संचालन करते हैं, से भी भारती भवन में भेंट हुई.
संघ भी समाज में अनेक प्रकार के सेवा कार्य कर रहा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सेवा विभाग छोटे बाल संस्कार केंद्र से लेकर बड़े चिकित्सालय जैसे अनेक सेवा कार्यों का संचालन करता है. इस समय राजस्थान क्षे़त्र में स्वयंसेवकों द्वारा 1325 सेवा कार्य चलाए जा रहे हैं. इनमें शिक्षा के 577, स्वास्थ्य के 181, स्वावलम्बन के 128 और सामाजिक उत्थान के 439 सेवा कार्य चल रहे हैं. यह कार्य स्वयंसेवकों के माध्यम से समाज के सहयोग से सेवा बस्तियों में चलाए जा रहे हैं. ऐसे ही सेवा भारती द्वारा राजस्थान में सर्वजातीय सामूहिक विवाह का भी सफल आयोजन पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है.
राजस्थान में स्वयंसेवकों द्वारा शहरी पिछड़े व ग्रामीण जनजाति क्षेत्रों में सेवा भारती, विश्व हिन्दू परिषद, विद्याभारती, वनवासी कल्याण परिषद, भारत विकास परिषद, राष्ट्रसेविका समिति, सीमाजन कल्याण समिति आदि के माध्यम से अनेक प्रकार के सेवा कार्य संचालित हो रहे हैं.
आज समाज में जाति एवं ऊंच नीच का भेद मिटाते हुए स्वयंसेवक अनेक स्थानों पर सामूहिक कन्या पूजन, सामाजिक समरसता यज्ञ, सर्वजातीय सामूहिक विवाह, सहभोज, मंदिरों में आयोजन, उत्सव, महापुरुषों की जयन्तियां आदि सामूहिक रूप से आयोजित कर रहे हैं.

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